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by zadmin

निद्रा बल प्राश

व्यस्त दिनचर्या एवं ऋतुचर्या, असंतुलित खान-पान एवं सामाजिक-व्यवहार में एकांकीपन एंग्जायटी, डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन एवं अनिद्रा को जन्म देता है जो आगे चलकर स्मृतिह्रास उत्पन्न होती है। आयुर्वेद में वर्णित मेध्य रसायन का उपयोग करके इससे बचा जा सकता है। निद्राबल प्राश आँवला एवं मेध्य रसायन पर आधारित न्यूरोलॉजिकल पोषक तत्व है जा स्नायु तंत्र को मजबूत करता है तथा REM साईकिल को बढ़ाता है।। चूँकि मानसिक तनाव से पाचन तंत्र भी प्रभावित होता है। अत निद्राबल प्राश के उपयोग से गैस एवं कब्ज के लक्षण भी कम हो जाते हैं।


आयुर्वेद के अनुसार सौ वर्षों तक निरोग जीवन जीने का मूल स्तम्भ आहार, निद्रा, एवं ब्रह्मचर्य है। अतः पर्यापत अच्छी निद्रा की व्यवस्था करना अति आवश्यक है।

दशन संस्कार

मंजन एवं माउथ वाश दोनों एक साथ: इसको मसूड़े पर लगा कर अच्छी तरह मालिश करें । उसके बाद 5-10 मिनट तक मुख में घुलाते रहें, फिर कुल्ला करें । मुख के घाव, पायरिया एवं अन्य रोगों से बचाव