टेलीमेडिसिन
टेलीमेडिसिन के माध्यम से कठिन साध्य रोगों का उपचार एक मेडिकल बोर्ड बनाकर करने की सुविधा।
इस विधा में एलोपैथी, आयुर्वेद, होमियोपैथी, नाड़ी विशेषज्ञ एवं ज्योतिष के विद्वान् रोगी से विमर्श करके आपस में सहमती बनाकर एक एकीकृत दृष्टिकोण आधारित चिकित्सकीय सलाह देते हैं ।
सावधान: पंचकर्म चिकित्सा, स्पा नहीं है । इसलिए इस भ्रम में न रहें ।
चिकित्सा हेतु शुद्ध पंचकर्म एवं नेचुरोपैथी को अपनायें जिसमें वमन, विरेचन (इससे आँतों में जमी गंदगी साफ़ होती है, पाचन दुरुस्त होता है एवं युवावस्था मेंटेन रहता है), बस्ति (बड़ी आँत की सफाई एवं औषधीय का प्रयोग), नस्य एवं रक्तमोक्षण प्रमुख है । इसके साथ अग्निकर्म, शिरोधारा, नेत्र तर्पण, कर्ण तर्पण, विभिन्न प्रकार की बस्तियां, हाइड्रोथिरैपी एवं मडथिरैपी के लिए सम्पर्क करें ।
मानसिक परामर्श – साईको थिरैपी – सत्वावजय
मनोवैज्ञानिक परामर्श: आयुर्वेद में चिकित्सा के लिए तीन विधाओं का वर्णन है देव व्यापाश्रय, सत्वावजय, युक्ति व्यापाश्रय । ध्यान हो कि सत्वावजय से मन की चिकित्सा होती है ।
जिसको मनोवैज्ञानिक परामर्श के द्वारा एवं पंचकर्मा, नेचुरोपैथी एवं मेध्य रसायन के सामूहिक प्रयोग से रोगी को त्वरित लाभ मिलने की सम्भावना होती है । ध्यान दें कि मन और शरीर दोनों एक दुसरे से जुड़े हुए हैं अत: दोनों की चिकित्सा अतिआवश्यक है ।
तनाव प्रबंधन, संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी, चिंता, डर, गुस्सा, मानसिक स्वास्थ्य के कलंक को तोड़ना, जीवनशैली जोखिम प्रबंधन, चिंता, सदमा, एकाग्रता बढ़ाना, व्यक्तिगत एवं संबंध परामर्श, जीवन कौशल प्रशिक्षण (सकारात्मक मनोविज्ञान हस्तक्षेप) इत्यादि की सुविधा उपलब्ध है ।
हेमन्त (सर्द) ऋतू में स्वास्थ्य देखभाल, आयुर्वेद के साथ
- 3 days senhan+ swedan along with oral medication by increasing dose of Panchtikt grit.
- 4th day virechan
- 5 th day, detox bath+ mud therapy on abdomen+ jal-dhara
- 6 th day, head massage+ nasta+ belenotherapy
- 7 th day- sneha+ swedan+ jakuji bath
Note – In this 7 day, I feel one day should be reserved for decoction basti to clean the large intestine.